A/B Testing को हम Split Testing या Bucket Testing के नाम से भी जानते है| A/B Testing दो तरह के WebPages या Applications आदि को Compare करने के लिए काम आता है| A/B Testing में हम User को दो WebPages Random में Show करवाते है| फिर दोनों के Comparison को देखते है|
मान लो हम दो तरह के WebPages बनाते है जो एक जैसे दिखते हो पर उन पर कुछ Changes कर यह देखते है कि किस Webpage की Performance बेहतर है| जिस Webpage की Performance अच्छी होती है हम उस को Select कर लेते है|
जैसे कि आप ऊपर के दो चित्र को देख रहे है जो की Similar WebPages है पर Page B पर कुछ Changes Experiment के तौर पर किये गये है| अगर B Page A Page से बेहतर Performance देता है तो हम A Page को Remove कर देते है| इस तरह से हमे पता चल चुका है कि Page B की Performance Page A से बेहतर थी| यह Process लगातार चलने वाला है| फिर हम दोबारा B Page को A Page से Replace कर देते है और एक नया B Page कुछ Changes करके बनाते है| फिर दोबारा दोनों Page Randomly Users को Show करवाये जाते है| फिर हम दोबारा दोनों का Comparison करते है फिर हम देखते है कि दोनों में से बेहतर Performance किस की थी| इस तरह से A/B Testing Tool की मदद से हम अपनी Advertisement से ज्यादा Clicks प्राप्त कर सकते है या अपनी Advertisement से ज्यादा Sales Renewal कर सकते है| A/B Testing Tool की मदद से हम अपनी Adsense Income में बढ़ोतरी भी कर सकते है|
Why We Should A/B Test
A/B Testing हमें अलग अलग Variants की मदद से Web Pages या Web Applications की Performance को Check करने का एक Tool है|
A/B Testing के लगातार उपयोग से हम अपने WebPages की Growth को ज्यादा कर सकते है|
इससे आप अपने WebPages या Adv Units आदि की जानकारी को इक्कठा कर सकते है| बहुत सी Case Study हमे बताती है कि किस तरह हम A/B Testing की मदद से अपनी आमदन में वृद्धि कर सकते है|
A/B Testing Process :
हम अब A/B Testing की विस्तार से जानने की कोशिश करते है|
- Collect Data: सबसे पहले तो आप अपने Low Conversion Rates वाले WebPages का Data इक्कठा करेंगे फिर आप उन WebPages की ज्यादा से ज्यादा जानकारी इक्कठा करेंगे|
- Identify Goals: Goals का मतलब होता है उद्देश्य| साधारण शब्दों में समझे तो हम यह कह सकते है कि आप अपने उद्देश्य जानने की कोशिश करेंगे कि आप A/B Testing क्यों करना चाहते है| मतलब आपने अपने Blog या WebPages से ज्यादा Clicks प्राप्त करने है या कोई Product को Sell करना है आदि|
- Hypothesis: फिर आप परिकल्पना के आधार पर अपने Current WebPages में कुछ बदलाव को सोचना है कि यह बदलाव कैसे हमारे Business की Growth में मददगार हो सकता है|
- Implementation: बस फिर क्या आपको बस अपनी परिकल्पना को असल रूप देना है| मतलब आप को अब अपने WebPages में वो बदलाब करने है जो आपने सोचे थे|
- Results: यह Last Step है आपको अपने नतीज़े को जानना की आपके बदलाव से आपके नतीजे में कुछ सुधार हुआ है या नही अगर सुधार नहीं हुआ तो भी निराश होने की जरुरत नहीं है आप फिर से A/B Test को कर सकते है| हां यह बात आप को हमेशा ध्यान में रखनी है कि आपने इस Process को लगातार जारी रखना है इस Process को रोकना नहीं है| अगर आप सफ़ल भी होते है तो भी आपने फिर इस Test को करना है ताकि पहले से बेहतर नतीज़े प्राप्त कर सके|
A/B Testing & Digital Marketing
Google भी A/B Testing को प्रोत्साहित करता है| पर ध्यान रहे कुछ SEO की Terms को समझ ले वरना आपको Penalty का सामना भी करना पड़ सकता है|
Cloaking: Cloaking एक ऐसा माद्यम है जिसमे हम Pages को इस तरह से बनाते है कि Search Engine के लिए आपका Content कुछ अलग होता है और Visitors के लिए अलग Content होता है| A/B Testing करते समय Cloaking का ध्यान जरुर रखे वरना आपको Google Penalty का सामना करना पड़ सकता है|
Use of Canonical: आप A/B Testing करते समय Canonical Meta Tag का उपयोग करना न भुले| Canonical Meta Tag Search Engine को आपका Main Page Search करने में मदद करता है| Canonical Meta Tag आपके Duplicate Content Issue को बचाने में मदद करता है| इसलिए यह बहुत महतवपूर्ण है कि आप B Page पर Canonical मेटा टैग जरुर डाले|
Permanent Redirection v/s Temporary Redirection: आप अपने Page को Redirect करते समय यह ध्यान जरुर दे कि आप 302 Code का ही उपयोग करे 301 Code का उपयोग Permanent Redirection के लिए किया जाता है और 302 का Redirection Temporary Redirection के लिए करवाया जाता है|